ललिता की चादर ओढ़े
वो चोटियाँ पहाड़ हैं क्या?
या चुपके से निकलती
सुबह की धूप पहाड़ है?
क्या उत्तराखंड ही
पहाड़ का पर्याय है?
या उत्तरांचल
की कहानियाँ पहाड़ है?
मैंने पहाड़ियों को अक़सर
लड़ते देखा है
पहाड़ के नाम पर
जिस कर्मठता से वो
अपनी संस्कृति का
बचाव करते हैं
मैंने उसी कर्मठता से
उसका बखान
करते देखा है उन्हें
मेरा पहाड़! मेरा पहाड़!
हाँ उनका ही तो है
पर कभी बतलाया नहीं
कि उनका पहाड़ है क्या
मैंने पहाड़ियों को
झूमते भी देखा है
कभी घुघूती पर
तो कभी चैतवाली पर
और उनको गाते भी देखा है
गदेरों के गुण
पर कभी ये नहीं सुना उनसे
कि पहाड़ क्या है
चाहे काफल का स्वाद हो
या नथ का श्रृंगार
मैंने उनको हर रंग में
रंगते देखा है
शायद इसलिए नहीं
बताता कोई
कि पहाड़ आखिर है क्या
क्योंकि हर किसी के लिए
अलग है उसका पहाड़
या शायद ये सबका
कोई संगठित रहस्य है
शायद तभी
पहाड़, पहाड़ बना हुआ है
शायद यही है पहाड़
एक रहस्य
कभी बताना चाहो
तो बता देना..
मैं किसी से नहीं कहूँगी!